गुरुग्राम के होटल में कुछ विधायकों को लाने की खबरों के बीच मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिरने की कोशिश का आरोप लगाया गया। लेकिन, जिन विधायकों को बीजेपी की तरफ से खरीद-फरोख्त के प्रयास का इल्जाम लगाया गया, उन विधायकों में से किसी ने भी बीजेपी का नाम नहीं लिया। इसके बाद अब राजनीतिक हलकों में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इन सबके पीछे किसका दिमाग था और क्या उद्देश्य हो सकता है।
जिन आठ पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगा उनमें से पांच विधायकों ने घर वापसी की है और किसी ने भी बीजेपी पर आरोप नहीं लगाया। बल्कि, कांग्रेस के विधायक एइंदल सिंह कंसाना, बीएसपी विधायक संजीव सिंह कुशवाहा और एसपी के विधायक राजेश शुक्ला सभी ने यह कहा कि वे दिल्ली कुछ काम से गए थे और किसी भी पक्ष की तरफ से उन्हें कोई ऑफर नहीं किया गया था।
कुछ बीजेपी विधायकों ने अपनी बंदूक की नोक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की ओर घुमा दी। सबसे दिलचस्प बात ये है कि कमलनाथ सरकार में वन मंत्री उमंग सिंघर की तरफ से किए गए ट्विटर पर पोस्ट ने बीजेपी को कांग्रेस नेता पर हमला करने का एक मौका दे दिया।
उमंग सिंघर ने ट्वीट करते हुए कहा- “कमलनाथ सरकार पूरी से सुरक्षित है। यह राज्यसभा में एंट्री की एक लड़ाई है। बाकी, आप लोग खुद समझदार हैं।” दिग्विजय सिंह के राज्यसभा का कार्यकाल इस साल अप्रैल में खत्म हो रहा है।